धौति क्रिया (Dhauti Kriya) योग की षट्कर्म (छह शुद्धिकरण क्रियाएँ) में से एक प्रमुख क्रिया है। इसका उद्देश्य शरीर के आंतरिक अंगों को साफ करना और पाचन तंत्र की सफाई करके विषाक्त पदार्थों को निकालना है। यह पेट, अन्नप्रणाली, और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। धौति क्रिया को विशेष रूप से पेट और आंतों की शुद्धि के लिए किया जाता है।
धौति क्रिया के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें वमन धौति, वस्त्र धौति, जल धौति, और दंड धौति प्रमुख हैं।
धौति क्रिया के प्रकार
वमन धौति (Vaman Dhauti) - जल धौति
इसमें गुनगुने खारे पानी का सेवन किया जाता है, और फिर उसे उल्टी के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। इसे आमतौर पर कुंजल क्रिया भी कहते हैं।
विधि:
सुबह खाली पेट लगभग 6-8 गिलास गुनगुने खारे पानी का सेवन करें।
जब पेट पूरा भर जाए, तब थोड़ा आगे झुकें और अपनी उंगलियों को गले के अंदर डालकर उल्टी करें।
सारा पानी उल्टी के माध्यम से बाहर निकालें।
लाभ: इससे अन्नप्रणाली, पेट और गले की सफाई होती है और अम्लता, अपच, और कब्ज में राहत मिलती है।
वस्त्र धौति (Vastra Dhauti)
इसमें एक साफ और लंबी कपड़े की पट्टी को निगला जाता है और फिर उसे धीरे-धीरे बाहर निकाला जाता है।
विधि:
एक 2-3 मीटर लंबी, पतली और साफ कपड़े की पट्टी को गुनगुने पानी में भिगोकर धीरे-धीरे निगलें।
इसे कुछ देर पेट में रहने दें और फिर धीरे-धीरे बाहर निकालें।
लाभ: इससे पेट और आंतों की गहराई से सफाई होती है, और यह पेट की अम्लता को कम करने में सहायक है।
दंड धौति (Danda Dhauti)
इसमें एक पतली लकड़ी या रबर की नली का प्रयोग करके गले और पेट की सफाई की जाती है।
विधि:
नली या पतली दंड को गले के माध्यम से पेट तक ले जाया जाता है।
फिर इसे वापस निकाला जाता है, जिससे गले और पेट की सफाई होती है।
लाभ: यह प्रक्रिया गले और पेट की गहराई से सफाई करती है और पाचन में सुधार करती है।
ह्रदय धौति (Hridaya Dhauti)
इस प्रक्रिया में गले और ह्रदय क्षेत्र की सफाई की जाती है, और इसे विशेष तौर पर शरीर से अतिरिक्त बलगम निकालने के लिए किया जाता है।
धौति क्रिया के लाभ
पाचन तंत्र की शुद्धि: यह क्रिया पेट, आंतों और पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों और अवांछनीय तत्वों को निकालती है, जिससे पाचन में सुधार होता है।
अम्लता और कब्ज से राहत: धौति क्रिया अम्लता, अपच, और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करती है।
आंतरिक अंगों की सफाई: यह पेट, गले, और आंतों की गहरी सफाई करती है, जिससे आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं।
मन को शांति मिलती है: शरीर के अंदर से शुद्धि होने के कारण मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
वजन घटाने में सहायक: धौति क्रिया से पाचन तंत्र बेहतर होता है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
सावधानियाँ
योग शिक्षक की निगरानी में करें: धौति क्रिया एक जटिल प्रक्रिया है, इसलिए इसे केवल योग्य योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही करें।
स्वास्थ्य समस्याएँ होने पर सावधान रहें: अगर आपको पेट से संबंधित कोई गंभीर समस्या है, तो इसे न करें या चिकित्सक से सलाह लें।
खाली पेट करें: धौति क्रिया सुबह खाली पेट की जानी चाहिए ताकि इसका प्रभाव सही हो।
धौति क्रिया योग की गहरी और उन्नत प्रक्रिया है, जिसे नियमित रूप से करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है, और यह समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाती है।
उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। धन्यवाद!
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योग ऋषिका
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