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Writer's pictureDinesh Rajput

उड्डीयान बंध विधि लाभ सावधानियाँ

उड्डीयान बंध एक महत्वपूर्ण योगिक बंध (लॉक) है, जिसका उपयोग शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करने और आंतरिक अंगों को टोन करने के लिए किया जाता है। "उड्डीयान" का अर्थ है "उड़ान" या "उड़ना", और इस बंध को करने से प्राण (जीवन ऊर्जा) ऊपर की ओर उड़ती है, इसलिए इसे उड्डीयान बंध कहा जाता है। यह बंध पेट के क्षेत्र में किया जाता है, और इसे योग और प्राणायाम की विभिन्न तकनीकों में उपयोग किया जाता है।



उड्डीयान बंध
उड्डीयान बंध

उड्डीयान बंध करने की विधि


स्थिति

  • किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें, जैसे पद्मासन (कमलासन) या सुखासन (चौकड़ी मारकर बैठें)। यह खड़े होकर भी किया जा सकता है, जहाँ आप पैरों को कंधे की चौड़ाई पर रखते हुए हल्के से आगे झुक सकते हैं और हाथों को जांघों पर रख सकते हैं।


श्वास प्रक्रिया

  • गहरी साँस लें और फिर पूरी तरह से साँस छोड़ दें, जिससे फेफड़े पूरी तरह से खाली हो जाएं।


पेट की संकुचन

  • साँस छोड़ने के बाद, बिना श्वास लिए पेट को अंदर और ऊपर की ओर खींचें, जैसे नाभि को रीढ़ की ओर खींचा जा रहा हो। इससे पेट का क्षेत्र खाली हो जाता है, और यह ऊपर की ओर उठता हुआ प्रतीत होता है।

  • इस स्थिति को बिना साँस लिए जितनी देर संभव हो, बनाए रखें।


छोड़ना

  • धीरे-धीरे पेट को सामान्य स्थिति में लाएं और फिर श्वास लें।


दोहराव

  • इसे कुछ बार दोहराया जा सकता है, लेकिन ध्यान दें कि अभ्यास के बीच सामान्य श्वास लें और शरीर को आराम दें।


उड्डीयान बंध के लाभ

  • पाचन सुधार: यह पेट और आंतों की मालिश करता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

  • पेट की मांसपेशियों को टोन करता है: यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत और सुडौल बनाता है।

  • प्राणायाम और ध्यान में सहायता: उड्डीयान बंध से प्राण (जीवन ऊर्जा) को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो प्राणायाम और ध्यान में गहराई लाने में सहायक है।

  • मानसिक शांति: इससे मानसिक स्थिरता और शांति मिलती है, और तनाव कम होता है।

  • आंतरिक अंगों का स्वास्थ्य: यह बंध यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय, और पाचन अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे शरीर की आंतरिक सफाई और स्वास्थ्य में सुधार होता है।


सावधानियाँ

  • खाली पेट करें: यह क्रिया खाली पेट ही करनी चाहिए, खासकर सुबह के समय।

  • श्वास लेने में तकलीफ न हो: इसे केवल तब तक करें जब तक आपको श्वास न रोकनी पड़े, जब लगे कि श्वास लेने की ज़रूरत है, इसे तुरंत छोड़ दें।

  • स्वास्थ्य समस्याओं में ध्यान दें: यदि आपको पेट, दिल, या उच्च रक्तचाप की समस्याएं हैं, तो यह अभ्यास करने से पहले एक योग विशेषज्ञ से परामर्श करें।


उड्डीयान बंध योग में एक शक्तिशाली तकनीक है और इसे नियमित रूप से अभ्यास करने से गहरे शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं।


उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। धन्यवाद!

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योग ऋषिका



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